केरल में कोरोना के सब- वैरियंट JN.1 मरीजो की संख्या में तेजी से बढोतरी
कोरोना के नए वैरियंट JN.1 के 1800 मरीज अब तक केरल में मिले- कोरोना के नए सब-वैरियंट J N.1 का खतरा सिंगापुर के बाद भारत मे भी बढ़ता जा रहा है ।भारत के केरल राज्य में ही अब तक 1800 से ज्यादा मरीज मिले है। केरल में प्रत्येक दिन कोरोना के नए केस सामने आ रहे है, अब कोरोना के इस नए वैरियंट के देश के अन्य राज्यो में भी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यो को पत्र लिखकर एडवाइजरी जारी की और साथ ही इसके सम्बन्ध में बुधवार को सभी स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक भी हो रही है।
JN.1 का पहला केस 8 दिसंबर को केरल में मिला - कोरोना के सब- वैरियंट
J N.1 का पहला केस केरल में 8 दिसंबर को एक महिला में सामने आया था। लेकिन अब ये महिला रोगी पूरी तरह स्वस्थ है।
लेकिन उसके बाद राज्य में कोरोना मरीजो की संख्या में प्रत्येक दिन इजाफा होता जा रहा है। JN.1 की पहचान पहली बार लक्जमबर्ग में की गई थी। इसे पिरोला भी कहा जाता है।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यो को दिए निर्देश- केंद्र सरकार ने सभी राज्यो को दिशा निर्देश जारी किए है कि वे सभी जिलो में कोविड-19 की जांच दिशानिर्देशों के अनुसार प्रारम्भ करे और rtpcr एवं एंटीजन टेस्ट जारी रखना सुनिश्चित करे।
केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार जिले स्तर पर इन्फ्लुएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन जैसी बीमारी आधारित मामलों की निगरानी करने का आदेश जारी किया है।
JN.1 वैरियंट से कितना खतरा?
अंतराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के सब-वैरियंट बीए.2.86 और इसके सब- वैरियंट के ज्यादात्तर मामले अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में सामने आए है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने कहा है कि शुरुआती आंकड़ो से पता चला है कि कोविड-19 टीके जेएन.1 सब वैरियंट से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर है।
भारत मे इस मामले में अभी किसी गंभीर मरीज के भर्ती होने की सूचना नही मिली है।कुछ एक्सपर्ट ये भी दावा कर रहे है कि यह वैरियंट उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जिन्हें कोरोना वैक्सीन लग चुका है।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए के क्या करे- कोरोना संक्रमण से बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करे।
हाथों को साबुन से धोने के बाद ही कुछ खाये। एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का इस्तेमाल करे.खांसते और छींकते समय नाक और मुंह पे रुमाल और टिश्यू पेपर इस्तेमाल करे।
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