ठण्ड में क्यो बढ़ गए हार्ट अटैक के मरीज
सर्दियों में क्यो बढ़ गए हार्ट अटैक - सर्दी आते ही हार्ट अटैक के मरीजो की संख्या भी बढ़ गई है।
ठंड का मौसम उन लोगो के लिए चिंताजनक है, जो ब्लड प्रेशर के मरीज है। ठंड के मौसम में तापमान कम होने पर रक्त वाहिकाएं अस्थाई रूप से संकीर्ण हो जाती है इससे रक्तचाप बढ़ जाता है इससे संकुचित नसों और धमनियों में रक्त प्रवाहित होने में दिक्कत होने लगती है।
हार्ट डिजीज मुख्य रूप से धमनी की दीवारो पर वसा और कोलेस्ट्रॉल समेत अन्य पदार्थो के जमा हो जाने के कारण होता है।इसे एथेरोस्क्लेरोसिस के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में हार्ट शरीर के उत्तको को पर्याप्त रक्त पम्प करने में असर्मथ हो जाता है, इससे हार्ट सम्बन्धी कई बीमारियां हो सकती है।
ब्लड प्रेशर बढ़ने से विंटर सीजन में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। हार्ट स्पेशलिस्ट चिकित्सक महेश वाधवानी बताते है की ठण्ड के 5 महीनों में हार्ट अटैक के मरीजो की संख्या बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक से पहले शरीर देता है ये चेतावनी देता है- हार्ट अटैक आने से पहले शरीर ये चेतावनी देता है सीने में दर्द, जकड़न,कंधो में दर्द, थकान, नींद में दिक्कत,दिल की धड़कन तेज होना हार्ट अटैक के संकेत है।
इस तरह के लक्षण शरीर मे दिखाई दे तो इसे नजरअंदाज ना करे।
कम उम्र के लोगो को भी हार्ट अटैक खतरा - आजकल प्रायः देखा जा रहा है कि कम उम्र के लोगो को भी हार्ट अटैक आ है, इससे पहले के समय मे उम्रदराज लोग या मिडिल ऐज के लोगो मे हार्ट अटैक की समस्या होती थी,लेकिन वक्त बदलने के साथ अब हार्ट अटैक के शिकार नवयुवक भी हो रहे है। यंग एज से ही हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाकर हार्ट अटैक के खतरों से बचा जा सकता है।
हार्ट अटैक से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय- ठण्ड के दिनों में हार्ट अटैक से बचाव के लिए अच्छी तरह से कपड़े पहने सर्दियो में टोपी, दस्ताने ,और स्वेटर जरूर पहने। हार्ट अटैक से बचाव के लिए निम्न उपाय करें -
1- तनाव कम ले
2- बैड कोलेस्ट्रॉल कम करे,
3- खाने में तेल और घी आदि का कम इस्तेमाल करे।
4- डाइबिटीज वाले मरीज अपना शुगर नियंत्रित रखे।
5- मोटापा कंट्रोल करें।
6- धूम्रपान से बचे,
7- हल्का फुल्का योग करे एवं अपनी दिनचर्या में रूटीन वॉक शामिल करें।
8 - खाने में सलाद, फल और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करे। ताजे फल, सब्जियां साबुत अनाज, गाजर पालक, और ब्रोकली खाये।
9- उन एक्सरसाइज को ना करे जिनसे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
समय समय पर लिपिड प्रोफाइल , शुगर वजन, आदि की जांच कराते रहे,और यदि कोई समस्या हो तो चिकित्सक से संपर्क कर उचित इलाज ले।
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