सरकार NPS के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को देगी निश्चित गारण्टी राशि पेंशन के रूप में
NPS कर्मचारियो को सरकार दे सकती है गारण्टी युक्त पेंशन
वित्त वर्ष 2024-25 में NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित गारण्टी शुदा पेंशन देने की घोषणा सरकार कर सकती है।
वित्त वर्ष 2024-25 में NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित गारण्टी शुदा पेंशन देने की घोषणा सरकार कर सकती है।
कई राज्यो में पुरानी पेन्शन बहाल होने के बाद केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
जानकारी के लिए बता दे की जहाँ ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को आखिरी सैलरी के 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में निर्धारित की गई थी।
इसके साथ पुरानी पेंशन में मंहगाई भत्ते की क़िस्त भी जुड़कर मिलती है जिससे समय के साथ -साथ पेंशन की राशि में भी बढ़ोत्तरी होती रहती है।
लेकिन वर्ष 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने 1 जनवरी या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) खत्म कर नई पेंशन व्यवस्था (NPS) लागू कर दी जिसके अंतर्गत कर्मचारी व सरकार दोनों एक निश्चित राशि NPS फण्ड में जमा करते है। यह फण्ड शेयर मार्केट के अधीन है और मार्केट के हिसाब से ही घटता बढ़ता है।
और मार्केट के रिटर्न के हिसाब से ही कर्मचारियों को पेंशन मिलता है।
नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत अभी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 2 से 3 हजार पेंशन ही मिल पा रहा है जिससे कर्मचारियों का जीवन- यापन होना मुश्किल है।
वही सांसदों और विधायकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है भले ही ओ एक दिन के लिए भी विधायक या सांसद चुने गए हो।
यहां तक की एक ही व्यक्ति को जो सांसद, विधायक, एमएलसी तीनो रहा हो तो उसको तीनो पेंशन मिलती है।
वही कर्मचारी 20 से 30 साल की सेवा के बाद भी NPS की बजारू व्यवस्था के अंतर्गत दस हजार से भी कम की पेंशन राशि के भरोसे बुढापा काटने को मजबूर है।
इसी को देखते हुए पूरे देश के कर्मचारी पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए आंदोलित है। जिन राज्यो में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अन्य पार्टियो पार्टियों की सरकार बनी है, वहाँ पुरानी पेंशन को फिर से बहाल कर दिया गया है।
उदाहरण स्वरूप हिमांचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही OPS बहाल कर दी गई।
इसी प्रकार पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी पुरानी पेंशन बहाल कर दी है।
सरकार नए वित्त वर्ष से केन्द्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित गारन्टी राशि पेंशन के रूप में देने की घोषणा कर सकती है - सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने नई पेंशन व्यवस्था की समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अध्यछता में जिस कमेटी का गठन किया था। उसकी रिपोर्ट तैयार हो गईं है।
जिसके मुताबिक सरकार NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों को उनके अन्तिम वेतन का 35 से 40 प्रतिशत की धनराशि पेंशन के लिये निर्धारित कर सकती है। हालांकि इस फैसले से सरकार पर वित्तीय बोझ भी बढ़ेगा, क्योकि बहुत से कर्मचारी ऐसे भी होंगे जिनकी NPS में जमा फंड से उनकी आखिरी सैलरी के 35 से 40 प्रतिशत की राशि पेंशन के रूप में देना सम्भव नही होगा। इस स्थिति में फंड से मिलने वाली राशि और निर्धारित पेंशन के बीच की राशि का जो अंतर होगा उसकी भरपाई सरकार अपने खजाने से करेगी।
लेकिन OPS की तरह NPS में मिलने वाली राशि को मंहगाई भत्ते से जोड़ने का इरादा सरकार का नही है। इससे सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नही पड़ेगा।
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