U.P में अब नाबालिग चलायेगे गाड़ी तो अभिभावक जाएंगे जेल और लगेगा जुर्माना
उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त ने इस सिलसिले में सभी RM और ARM तथा आरटीओ को स्पष्ट निर्देश दिए इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखा इसके तहत 18 साल से कम उम्र के छात्र और छात्राएं वाहन नहीं चला सकेंगे, यानी कि राज्य में नाबालिगो के वाहन चलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
आदेश में साफ -साफ कहा गया है की नाबालिग से वाहन चलाने पर गाड़ी मालिकों को दंडित किया जाएगा और उस गाड़ी के रजिस्ट्रेशन को एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा, तथा गाड़ी मालिक को दंडित किया जाएगा। ऐसे नाबालिगो को का 25 साल की उम्र पूरी होने के बाद ही लाइसेंस बन सकेगा।
उत्तर प्रदेश परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि 18 साल से कम आयु के लोगों का लाइसेंस नहीं बनता है पहले जो 50 सीसी की गाड़ी जो थी बिना गियर की चलती थी उसका लाइसेंस बनता था।लेकिन अब 50 CC की गाड़ी आती नही 100 CC की गाड़ियां आती है इसलिए 18 साल से नीचे के लोगो का लाइसेंस नही।बनता।
सर्वे में खुलासा 40% दुर्घटनाये 18 साल से कम उम्र के बच्चो के गाड़ी चलाने के कारण हुई है- अभी जो सर्वे हुआ है तो उसमे 40% दुर्घटनाएं 18 से 12 वर्ष के बच्चों के गाड़ी चलाने के कारण हो रही है। इसलिए यह सख्त कदम उठाया गया है कि ऐसे लोगों को जो प्रक्षिशित नही है और उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है उनको गाड़ी चलाने पर रोक लगा दी गई है।और यदि उनके अभिभावक देते है तो उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा और जेल भी होगा। इसलिए कि उनका जीवन महत्वपूर्ण है।अक्सर देखा जाता है कि माता- पिता प्रेम में अपने बच्चो को गाड़ी देते है जिसको चलाने में बच्चा प्रशिक्षित भी नही है तो ऐसे लोगो पर सख्त कार्यवाही होगी।
जानकारी के मुताबिक 10 वी और 12 वी के बच्चे बाइक और स्कूटी से स्कूल जाते है, इसके लिए ओ प्रशिक्षित भी नहीं है, ऐसे में लापरवाही के कारण आये -दिन दुर्घटनाये होती है। इस लिहाज से देखा जाए तो योगी सरकार द्वारा लाया गया यह कदम काबिले तारीफ है, इससे बच्चो एवं उनके अभिभावकों में भी डर पैदा होगा। और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
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